शहीद

माँ माँ ,हूँ….. ये शहीद होना क्या होता है ,वो बगल वाली नेहा दीदी कह रही थीं की मेरे पापा सरहद पे देश सेवा करते हुए शहीद हो गए हैं। अब वो कभी भी हमारे पास वापस नहीं आएंगे क्या ये सच है ?पापा तो कहते थे की वो मुझे बहुत प्यार करतें हैं ,तुम्हे नई साड़ी और दादी के लिए गर्म स्वेटर लाने वाले थे न ?फिर वो क्यों शहीद हो गए लगता हैं उन्हें हमारी याद नहीं आती वो हम सबसे देश सेवा को प्रेम करते हैं तभी तो हमे भूल शहीद हो गए हैं न ?जब वो नहीं आएंगे तो हमारा ख्याल कौन रखेगा ,मैं किसकी गुड़िया रानी कहलाउंगी?५ साल की बच्ची को नीरा ने खींच कर कलेजे सी चिपका लिया और उसके प्रश्न आँसू बन नीरा के आँखों से बहने लगे अनुत्तरित सा……………..

काश ये दुनिया समझ पाती की जब एक सैनिक सहीद होता है तो उसके साथ सहीद होतें हैं किसी के अरमान किसी के सर का छाँव किसी के घर का चिराग और इन सब के कर्ज दार होते हैं उस देश के नागरिक और सरकार हमारा फर्ज बनता है की हम सब मिलकर शहीदों के परिवार का ख्याल रखें और उनका सम्मान करे यही शहीदों के लिए हमारी सच्ची श्रधांजलि होगी। क्या हम अपने शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे उनके बाद उनके परिवारों का ख्याल रख पाएंगे या दो दिन बाद भूलजाएंगे।।।।।।।।।।।। ?

यह पोस्ट शेयर करें :

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!