प्रश्न के बदले प्रश्न

एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल, क्या तुम बता सकते हो कि मेरी पत्नी के हाथों में कितनी चुडीयाँ हैं”? बीरबल ने कहा, “हुजूर, माफ किजीये मुझे नहीं मालूम”. क्यों, तुम तो रोज़ ही मेरी पत्नी के हाथों को देखते हो तुम्हें पता होना चाहिये, अकबर ने गुस्से से कहा.

बीरबल ने कहा, “महाराज चलिये जरा बाग की तरफ चलते हैं”. वहाँ मैं आपको बताउँगा कि इस प्रश्न का उत्तर मुझे क्यों नहीं पता. और दोनो बाग की तरफ चल दिये. चलते-चलते वे बाग कि सीढीयों की तरफ बढे. अचानक बीरबल ने कहा, “महारज, आप दिन में कई बार इन सिढीयों से चढते उतरते हैं, क्या आप बता सकते हैं कि ये कितनी सिढीयाँ हैं”.

यह सुनकर अकबर केवल मुसकुराये और विषय बदल दिया.

यह पोस्ट शेयर करें :

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!