प्यार का क्या मतलब

एक दिन एक आदमी को उसकी पत्नी ने, जिसके बहोत लम्बे बाल थे उसने उसके लिए एक कंघा खरीदने के लिए कहा ताकि वो अपने बालो की अच्छे से देखभाल कर सके.

उस आदमी ने अपनी बीवी से माफ़ी मांगी और कंघी लेने से मना कर दिया. उसने समझाया की उसके पास अभी उसकी टूटी हुई घड़ी का पट्टा खरीदने के भी पैसे नहीं है. लेकिन फिर भी उसकी पत्नी जिद पर अडी रही.

गुस्से में वह इंसान काम पर जाने के लिए निकल गया और जाते-जाते अचानक रास्ते में उसकी नजर एक घड़ी की दुकान पर पड़ी, उसने सोचा की वह उस दूकान पर अपनी घड़ी बेच देगा और उसकी पत्नी के लिए कंघा लेकर जायेंगा.

शाम में वो अपने हातो में कंघी लेकर अपने घर आया, पत्नी को कंघी देने ही लगा लेकिन अचानक अपने पत्नी को देखकर वह हैरान हो गया, क्योंकि उसने अपनी पत्नी को शोर्ट-हेयर (कम बालो) में देख लिया था. उसने अपने बालो को बेचकर अपने पति की घड़ी के लिए नया पट्टा ख़रीदा था.

एक दुसरे के प्रति गहरा प्यार देखते हुए अचानक दोनों के आंखों से आंसू निकलने लगे, ये आंसू उनकी ख्वाइश पूरी होने के वजह से नहीं बल्कि उनके एक-दूजे के लिए प्यार को देखकर थे.

सीख :-

प्यार करना मतलब कुछ नहीं है, प्यार करने लायक बनना थोड़ा बहोत अच्छा है लेकिन प्यार करने और साथ में करने लायक बनना, ये सब कुछ है. प्यार को कभी किसी का दिया हुआ अनुदान समझकर स्वीकार ना करें.

बल्कि जिस से भी हम प्यार करते है, उससे बिना किसी शर्त के, बिना किसी लालच के बिना किसी द्वेषभावना के हमेशा दिल से प्यार करते रहना चाहिये. क्योंकि जब हम किसी को दिल से प्यार करते है तब हम सामने वाले के दिल में हमेशा के लिए बस जाते है. की जब दो लोगों के बिच प्यार होता है तब वह किसी दौलत का भूखा नहीं होता, वह भूखा होता है तो सिर्फ स्नेहभाव का. जिससे भी हम प्यार करते है उनसे हमेशा हमें प्यार से पेश आना चाहिये. एक दुसरे के लिए समय निकालते रहना चाहिये. तभी हम हमारे रिश्ते को सफलता से आगे बढ़ा पाएंगे.

प्यार से बोला गया आपका एक शब्द दो दिलों के बिच हो रहे बड़े से बड़े मनमुटाव को भी खत्म कर सकता है. प्रेमभाव से रहना कभी-कभी हमारे लिए भी फायदेमंद साबित होता है. क्योंकि कई बार जो काम हजारों रुपये नहीं कर पाते वही प्यार से बोले गये हमारे दो शब्द काम आते है.

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